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ToggleNO MORE Article 370 ! हमेशा के लिए हटाने का निर्णय हुआ वैध !
जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के खिलाफ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में पूरी हुई 7 दिन की सुनवाई।
केंद्र सरकार का यह फैसला सही था या गलत ?
इसके बारे में आने वाले पांच जजों की संविधान पीठ तय करेगी। इसमें कुल 20 याचिकाएं हैं। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, गोपाल सुब्रह्मण्य, दुष्यंत दुबे और राजीव धवन तक भिन्न-भिन्न तर्क और दलीलें पेश की जा रही हैं। अब कोर्ट भी वकीलों से सवाल पूछ रही है।
जम्मू कश्मीर से Article 370 को हटाए जाने का विवाद चार साल से थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। सुप्रीम कोर्ट जम्मू कश्मीर में इतिहास के पन्नों को पलट कर कोई उपाय खोज रहा है।जम्मू कश्मीर एक विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त करने के लिए दावे से दलीलों भी पेश कर रहा है।
सरकार के फैसले को एकतरफा बताया जा रहा है। हम आपको बता दें कि वकीलों ने अब तक सुनवाई में 20 बड़ी दलीलें कोर्ट के सामने रखी है।
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को धारा 390 के प्रावधानों में बदलाव करके जम्मू कश्मीर के खास स्टेटस को खत्म कर दिया।
केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया।
जम्मू कश्मीर का भविष्य क्या हो सकता है ? (Uncertain Future)
भविष्य में फिर से क्या हो सकती है बहस ? या जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा ? या फिर लग सकता है इस पर पूर्ण विराम?
सुप्रीम कोर्ट के आदेश देने में क्या जम्मू कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत मिला एक विशेष दर्जा वापस मिल सकता है। 5 अगस्त 2019 के पहले की स्थिति में हो सकता सुधार।
इसके जवाब में कोर्ट के आदेश व संविधान में अभी उपलब्ध है कि सांसद ने जम्मू कश्मीर की विधानसभा के तौर पर काम किया।
लोकसभा ने Article 370 के तहत राष्ट्रपति के सिफारिश में कहा है कि ,
“अनुच्छेद 370 के विशेष प्रावधान प्रभावित न हो।”.
राष्ट्रपति ने 6 अगस्त को संविधानिक आदेश पारित किया है और जम्मू कश्मीर के लिए अनुच्छेद 370 के प्रावधान प्रभावित न रखने की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है।
आखिर जम्मू कश्मीर से क्यों हटाया गया Article 370? क्या है इसके पीछे का कारण ?
केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में बताया कि जम्मू के लोग को किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल पाता है, इसलिए लोगों तक लाभ पहुंचाने के लिए Article 370 को मिटा देना अति आवश्यक है।
केंद्र सरकार ने इसकी सफाई में जवाब दिया कि अनुच्छेद 370 के कारण जम्मू कश्मीर के लोग केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे थे, जो देश के अन्य लोग ले रहे थे।
इसलिए सरकार ने अनुच्छेद 370 को जम्मू कश्मीर से मिटा दिया, केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को खत्म करने को सही ठहराते हुए सांलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने यह दलील दी।
unhone ye bhi kaha ki Article 370 को खत्म करके जम्मू कश्मीर के लोगों को देश के बाकी हिस्सों की तरह ही मौलिक अधिकार प्रदान किया जा सके।
संविधान पीठ के मुख्य न्यायाधीश चंद्र के अलावा, न्याय मूर्ति संजय किशन कौल, बिआर गवई, संजीव खन्ना और सूर्यकांत भी शामिल हुए थे।
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